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महिला बाल विकास विभाग ने जिला अधिकारियों को लगाई फटकार, 16 मार्च कोे किया तलब

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भोपाल

महिलाओं की प्राथमिकता वाले महिला और बाल विकास विभाग में 8 हजार करोड़ की मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना लांच होने के साथ ही इस विभाग के अफसरों की बड़ी लापरवाही भी सामने आई है। विभाग द्वारा जिलों को आवंटित राशि का उपयोग नहीं किया जा रहा है और अब वित्त वर्ष समाप्त होने की स्थिति है तो भी 102 करोड़ रुपए से अधिक राशि खर्च किया जाना बाकी है। केंद्र सरकार के बजट का भी उपयोग नहीं होने से आगामी आवंटन नहीं मिल पा रहा है। इसे देखते हुए वित्त विभाग ने महिला और बाल विभाग विभाग से बजट उपयोग नहीं कर पाने पर आपत्ति जताई है। वित्त विभाग की आपत्ति के बाद महिला बाल विकास विभाग ने जिला अधिकारियों को फटकार लगाई है और 15 मार्च तक बजट का उपयोग नहीं कर पाने पर 16 मार्च कोे स्पष्टीकरण देने के लिए तलब किया है।

सभी संयुक्त संचालकों और जिला कार्यक्रम अधिकारियों को इस संबंध में विभाग की ओर से नाराजगी जताते हुए पत्र लिखा गया है। इसमें कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा दिए गए बजट का 75 प्रतिशत खर्च नहीं हो पाने के कारण शेष आवंटन नहीं मिल पा रहा है। यह अत्यंत आपत्तिजनक  स्थिति है। इसलिए 15 मार्च तक इस मामले में कार्यवाही कर शासन को जानकारी भेजी जाए।

अटल बाल आरोग्य मिशन के लिए एक करोड़ चार लाख रुपए से अधिक का बजट प्रस्तावित किया गया है लेकिन विभाग के अफसरों ने सिर्फ 2.79 लाख रुपए ही उपयोग किए हैं। इसी तरह की स्थिति घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए बनी योजना के मामले में है। इसके लिए 80 लाख रुपए का प्रावधान है और सिर्फ 14 लाख रुपए की मदद दी गई है। कार्यक्रम आयोजन और प्रबंधन के लिए 23.56 करोड़ के प्रावधान के विपरीत 4.92 करोड़ रुपए ही खर्च किए जा सके हैं। विभागीय परिसंपत्तियों के संधारण के लिए 59.61 करोड़ रुपए तय हैं लेकिन मार्च के पहले हफ्ते तक जिलों में इसके बदले 36.11 करोड़ रुपए ही खर्च किए जा सके हैं। आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण के लिए 90.54 करोड़ रुपए के विरुद्ध 76.84 करोड़ रुपए ही खर्च हुए हैं।

लाड़ली लक्ष्मी अब मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी के नाम पर
लाड़ली लक्ष्मी योजना को अब मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना का नाम दिया गया है। शिवराज कैबिनेट द्वारा 28 फरवरी को कैबिनेट में इस योजना का नाम बदलने पर सहमति दिए जाने के बाद विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं और अब मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना के नाम पर योजना का संचालन किया जाएगा। लाड़ली लक्ष्मी योजना के लिए विभाग ने 155 करोड़ रुपए का आवंटन किया है जिसके विपरीत 117.89 करोड़ रुपए ही अब तक खर्च हुए हैं। उदिता परियोजना के लिए 1.56 करोड़ के आवंटन के विरुद्ध जिलों में 82 लाख रुपए ही खर्च हुए हैं।

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