बर्मिंघम
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 से आठ दिन पहले लवलीना की ट्रेनिंग रुक गई थी। इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयां करते हुए मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था। अब ओलंपिक में पदक जीतने वाली लवलीना कॉमनवेल्थ में कोई पदक नहीं ला पाई हैं।
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में छठे दिन भारत का प्रदर्शन शानदार रहा। भारतीय खिलाड़ियों ने कुल पांच पदक जीते, लेकिन चौकाने वाली बात यह रही कि लवलीना बोरगोहेन सेमीफाइनल में भी जगह नहीं बना पाईं। वो क्वार्टर फाइनल मैच में हारकर बाहर हो गईं और कोई पदक नहीं जीत सकीं। टोक्यो ओलंपिक में देश के लिए पदक जीतने वाली लवलीना से कॉमनवेल्थ में और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी। उनका पदक जीतना तय माना जा रहा था। देश को उनसे स्वर्ण पदक की भी उम्मीद थी, लेकिन क्वार्टर फाइनल मैच में लवलीना की हार ने सभी को चौका दिया है।
लवलीना के लिए यह कॉमनवेल्थ गेम्स विवादों से भरा रहा है। पहले उनके कोच को खेल गांव के अंदर जाने की अनुमति नहीं मिल रही थी। इस मामले पर लवलीना ने सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयां किया और बॉक्सिंग टीम के डॉक्टर की जगह लवलीना की कोच को खेल गांव के अंदर जाने की अनुमित मिली। इसके बाद वो कॉमनवेल्थ गेम्स के उद्घाटन समारोह से पहले ही बाहर निकल गईं, लेकिन टैक्सी के लिए इंतजार करती रहीं। इन्हीं सब वजहों के चलते लवलीना के प्रदर्शन में गिरावट आई है।
कैसा रहा लवलीना का प्रदर्शन
लवलीना ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में कुल दो मैच खेले। महिलाओं के 66-70 किलोग्राम भारवर्ग में लवलीना का पहला मुकाबला न्यूजीलैंड की एरिएन निकोलसन के साथ था। इस मैच में लवलीना ने शानदार खेल दिखाया और 5-0 के अंतर से यह मुकाबला अपने नाम किया। सभी जज लवलीना के खेल से प्रभावित थे और उन्हें जीत मिली। हालांकि, दूसरे मुकाबले में ऐसा नहीं हुआ।
क्वार्टर फाइनल मैच में लवलीना का सामना वेल्स की रोजी एक्कलेस के साथ था और लवलीना यह मैच 2-3 के अंतर हार गईं। इस मुकाबले में दोनों मुक्केबाजों के बीच कांटे की टक्कर थी, लेकिन अंत में वेल्स की मुक्केबाज को जीत मिली। लवलीना ने इस मैच में एक पेनाल्टी का अंक भी गंवाया और मुकाबला हारकर प्रतियोगिता से बाहर हो गईं।
कॉमनवेल्थ गेम्स से आठ दिन पहले रुक गई थी ट्रेनिंग
कॉमनवेल्थ गेम्स शुरू होने से आठ दिन पहले लवलीना ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर बताया था कि मैनेजमेंट की लापरवाही के चलते उन्हें मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है। राष्ट्रमंडल खेलों में उनके मैच से आठ दिन पहले उनकी ट्रेनिंग रुक गई है। लवलीना ने कहा था- आज मैं बड़े दुख के साथ कहती हूं कि मेरे साथ बहुत प्रताड़ना हो रही है। हर बार मेरे कोच, जिन्होंने मुझे ओलंपिक में पदक लाने में मदद की, उन्हें बार-बार हटा कर मेरी ट्रेनिंग और मेरे कॉम्पिटिशन में दखल डालते हैं और मुझे प्रताड़ित करते हैं। इनमें से मेरी एक कोच संध्या गुरुंग द्रोणाचार्य अवॉर्ड से सम्मानित भी हैं। मेरे दोनों कोच को कैंप में भी ट्रेनिंग के लिए हजार बार हाथ जोड़ने के बाद बहुत लेट से शामिल किया जाता है।
विवादों की वजह से गया पदक
कॉमनवेल्थ खेलों से ठीक पहले लगातार विवादों में रहने के चलते लवलीना पूरी तरह से अपने खेल पर ध्यान नहीं दे पाईं और पदक से चूक गईं। लवलीना के अलावा एतलीट तेजस्विन भी खेल से पहले विवादों में रहे थे और मुकाबले से ठीक तीन दिन पहले वो बर्मिंघम पहुंचे थे। हालांकि, वो पदक जीतने में सफल रहे, लेकिन लवलीना पदक से चूक गईं।