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BBC ने PM मोदी पर बनी डॉक्यूमेंट्री का किया बचाव, कहा- रिसर्च में BJP के लोगों से भी ली थी राय

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 नई दिल्ली 

बीबीसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपनी विवादास्पद श्रृंखला का शुक्रवार को बचाव करते हुए कहा कि यह काफी शोध करने के बाद बनाया गया वृत्तचित्र है, जिसमें महत्वपूर्ण मुद्दों को निष्पक्षता से उजागर करने की कोशिश की गई है। मीडिया प्रतिष्ठान की ओर से यह टिप्पणी सरकार द्वारा वृत्तचित्र को वस्तुनिष्ठता के अभाव वाली ''दुष्प्रचार सामग्री'' करार दिए जाने के एक दिन बाद आई।

बीबीसी के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, "डॉक्यूमेंट्री पर उच्चतम संपादकीय मानकों के अनुसार गहन शोध किया गया।" ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री मोदी के बचाव में आने के एक दिन बाद बीबीसी का यह बयान आया। सुनक तब मोदी का बचाव करने उतरे, जब बीबीसी के वृत्तचित्र में दावा किया गया कि ब्रिटिश सरकार को 2002 के गुजरात दंगों में भारतीय नेता की कथित भूमिका के बारे में पता था। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि वह विपक्षी लेबर पार्टी के सांसद, पाकिस्तानी मूल के इमरान हुसैन द्वारा किए गए प्रधानमंत्री मोदी के चरित्र-चित्रण से सहमत नहीं हैं।

सुनक ने हुसैन के यह पूछे जाने के बाद टिप्पणी की कि क्या ब्रिटिश प्रधानमंत्री बीबीसी के कार्यक्रम में किए गए इन दावों से सहमत हैं कि ब्रिटेन के विदेश कार्यालय के कुछ राजनयिकों का मानना ​​है कि मोदी सीधे तौर पर जिम्मेदार थे। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने जवाब दिया, "इस पर ब्रिटेन सरकार की स्थिति स्पष्ट और दीर्घकालिक है, तथा यह नहीं बदली है।" उन्होंने कहा,"नि:संदेह, हम कहीं भी उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं करते हैं, लेकिन मैं माननीय सज्जन (हुसैन) द्वारा किए गए चरित्र-चित्रण से सहमत नहीं हूं।" ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) ने कहा कि श्रृंखला बनाते समय उसने कई तरह की राय रखने वाले लोगों से संपर्क किया। प्रवक्ता ने कहा,"विभिन्न राय रखने वाले लोगों, गवाहों और विशेषज्ञों से संपर्क किया गया, और हमने कई तरह की राय पेश की है – इसमें भाजपा के लोगों की प्रतिक्रियाएँ भी शामिल हैं। हमने भारत सरकार को श्रृंखला में उठाए गए मुद्दों पर जवाब देने के लिए कहा- इसने जवाब देने से इनकार कर दिया।”

बीबीसी ने कहा कि वह दुनिया भर के महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर करने के लिए प्रतिबद्ध है और वृत्तचित्र श्रृंखला भारत के हिंदू बहुसंख्यक और मुस्लिम अल्पसंख्यक के बीच तनाव की जांच करती है और उन तनावों के संबंध में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीति की पड़ताल करती है। प्रवक्ता ने कहा कि यह हाल के वर्षों में भारत और दुनिया भर में रिपोर्टिंग एवं अभिरुचि का उल्लेखनीय स्रोत रहा है।

भारत सरकार ने बीबीसी पैनोरमा कार्यक्रम की निंदा की है और इसे संदिग्ध एजेंडे वाली दुष्प्रचार सामग्री करार दिया है। कार्यक्रम भारत में प्रदर्शित नहीं किया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बीबीसी के इस वृत्तचित्र पर बृहस्पतिवार को नयी दिल्ली में संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि यह एक 'गलत आख्यान' को आगे बढ़ाने के लिए दुष्प्रचार का एक हिस्सा है।बागची ने कहा, "यह हमें इस कवायद के उद्देश्य और इसके पीछे के एजेंडे के बारे में सोचने पर मजबूर करता है।" उन्होंने कहा कि स्पष्ट तौर पर वह ऐसे प्रयासों को महत्व नहीं देना चाहते।

बीबीसी ने 'इंडिया : द मोदी क्वेश्चन' शीर्षक से दो भाग में एक श्रृंखला बनाई है। यह श्रृंखला गुजरात में 2002 में हुए दंगों के बारे में है, जब नरेंद्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे। बागची ने कहा,"मुझे यह बात स्पष्ट करने दें… हमारा मानना है कि यह दुष्प्रचार का एक हिस्सा है, जो एक 'गलत आख्यान' विशेष को आगे बढ़ाने का प्रयास है। इसमें निष्पक्षता की कमी, पूर्वाग्रह और औपनिवेशिक मानसिकता स्पष्ट रूप से झलकती है।"

इस बीच, ब्रिटेन में भारतीय समुदाय के कई सदस्यों ने वृत्तचित्र में भारतीय नेता के चरित्र-चित्रण पर बीबीसी को शिकायतें भेजी हैं। हाउस ऑफ लॉर्ड्स से संबद्ध भारतीय मूल के लॉर्ड रामी रेंजर ने ट्वीट किया, ''बीबीसी न्यूज आपने एक अरब से अधिक भारतीयों को बहुत नुकसान पहुँचाया है। यह लोकतांत्रिक रूप से चुने गए प्रधानमंत्री, भारतीय पुलिस और भारतीय न्यायपालिका का अपमान करता है। हम दंगों और जनहानि की निंदा करते हैं तथा आपकी पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग की भी निंदा करते हैं।"
 

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