28 जिलों में होगा एनएफएचएस-5 का सर्वे, नेशनल एड्स कंट्रोल सोसायटी की सहमति

भोपाल
अगले महीने से नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 (एनएफएचएस-5) शुरू हो रहा है। सर्वे के पहले एनएफएचएस-5 का पुनर्गठन किया गया है। इस बार सर्वे में नेशनल एड्स कंट्रोल सोसायटी (नाको) की सहमति से एचआईवी को हटाया गया है। जबकि विकलांगता, मलेरिया, एचबीए1सी और विटामिन डी के परीक्षण के लिये डीबीएस का संग्रह ,स्कूल-पूर्व शिक्षा, मृत्यु पंजीकरण आदि को शामिल किया गया है। मप्र में सर्वे के लिए 28 जिलों को शामिल किया गया है। एनएफएचएस-5 में जिन सूचकांक पर प्रदेश की जो स्थिति सामने आएगी उससे आगामी पांच सालों की दिशा तय होगी। स्वास्थ्य विभाग और महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी चिंतित हैं।
मार्च के महीने से प्रदेश में कोरोना ने दस्तक दी थी। गर्भवती महिलाओं व बच्चों को टीकाकरण से लेकर तमाम स्वास्थ्य और पोषण से जुडी सेवाएं नहीं मिल सकीं। इस वजह से आगामी सर्वे में इसका असर देखने को मिल सकता है। यदि सर्वे के सूचकांकों में प्रदेश की तस्वीर बिगड़ी तो ये तमगा अगले पांच सालों तक परेशान करेगा।
एनएफएचएस-5 में इस बार भोपाल, अलीराजुर, अशोकनगर, बडवानी, भिंड़, बुरहानपुर, दतिया, देवास, धार, गुना, ग्वालियर, हरदा, होशंगाबाद, इंदौर, झाबुआ, खंड़वा, खरगोन, मंदसौर, मुरैना, नीमच, रायसेन, राजगढ़, रतलाम, सीहोर, शाजापुर, आगर-मालवा, श्योपुर, शिवपुरी और उज्जैन में हेल्थ इंडिकेटर्स पर सर्वे किया जाएगा।
अफसरों की मानें तो प्रदेश में महिला बाल विकास विभाग की स्थापना के पहले मेडिकल कॉलेजों के माध्यम से आंगनवाड़ी की सेवाएं संचालित की जातीं थीं। राजधानी में गांधी मेडिकल कॉलेज पहले 30 वार्डों में इसकी सुविधाएं मुहैया कराता था। वर्तमान में सिर्फ 13 वार्ड में जीएमसी के अधीन आंगनवाड़ी की सेवाएं संचालित हो रहीं हैं। एनएफएचएस-5 के लिए चिह्नित भोपाल के 36 वार्डों में से सात हमीदिया अस्पताल के नजदीक वाले हैं। स्वास्थ्य,महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों को उम्मीद है कि इन क्षेत्रों से सर्वे में अच्छे परिणाम सामने आएंगे।