Home देश ऑपरेशन सिंदूर: भारत की संतुलित और सटीक कार्रवाई की मिसाल — सेनाध्यक्ष...

ऑपरेशन सिंदूर: भारत की संतुलित और सटीक कार्रवाई की मिसाल — सेनाध्यक्ष द्विवेदी

6
0
Jeevan Ayurveda

नई दिल्ली
थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता की सराहना की है। उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' को भारत की संतुलित, सटीक और दृढ़ प्रतिक्रिया प्रणाली का एक प्रभावशाली उदाहरण बताया, जिसने देश की सैन्य तत्परता और संकल्प को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया। जनरल द्विवेदी ने यह भी स्पष्ट किया कि इंफॉरमेशन युद्ध, साइबर और अंतरिक्ष जैसे नए डोमेन आधुनिक युद्धक्षेत्र को आकार देने में निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना तेजी से भविष्य के लिए तैयार (फ्यूचर रेडी) बल में परिवर्तित हो रही है। 
उन्होंने जोर दिया कि तकनीक के माध्यम से मानव संसाधन का सशक्तिकरण, सुव्यवस्थित क्षमता संवर्धन और संगठनात्मक पुनर्संरचना की जा रही है। इससे सेना को फ्यूचर रेडी बनने में सहायता मिलती है। सेना प्रमुख ने बुधवार को इन्फैंट्री स्कूल में यह जानकारी दी। दरअसल, मध्य प्रदेश के महू स्थित इन्फैंट्री स्कूल में 38वां इन्फैंट्री कमांडर्स’ कॉन्फ्रेंस आयोजित किया गया। दो दिवसीय इस महत्वपूर्ण सम्मेलन की अध्यक्षता थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने की। यहां अपने संबोधन में थल सेनाध्यक्ष ने भारत की रणनीतिक स्वायत्तता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित किया और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए ‘पड़ोसी प्रथम’ की नीति को भारत की विदेश एवं सुरक्षा नीति का एक अहम स्तंभ बताया। उन्होंने कहा कि सैन्य कूटनीति की भूमिका लगातार बढ़ रही है, जो मित्र राष्ट्रों के साथ विश्वास और सहयोग को सुदृढ़ करने में सहायक है।
इस अवसर पर महानिदेशक इन्फैंट्री ने डाइरेक्टोरेट की ओर से सैद्धांतिक परिष्करण, स्वदेशीकरण और व्यावसायिक सैन्य शिक्षा के माध्यम से निरंतर क्षमता वृद्धि के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। इन्फैंट्री मामलों पर विचार-विमर्श का यह सर्वोच्च मंच है। इस सम्मेलन ने संचालनात्मक तैयारियों, बल संरचना, क्षमता विकास, प्रशिक्षण तथा कल्याणकारी पहलों की व्यापक समीक्षा का अवसर प्रदान किया।
वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व ने चल रही परियोजनाओं का समग्र आकलन किया। यहां इन्फैंट्री के भविष्य की दिशा तय करने हेतु प्राथमिकताओं को रेखांकित किया। दो दिनों के दौरान कई महत्वपूर्ण विषयों पर मंथन किया गया। इनमें उभरती तकनीकों के एकीकरण व ऑपरेशनल तैयारी को सुदृढ़ करना शामिल रहा। साथ ही आत्मनिर्भर भारत के राष्ट्रीय विजन के अनुरूप स्वदेशी समाधानों के माध्यम से आधुनिकीकरण को तेज करने पर विस्तृत चर्चाएं हुईं।
सम्मेलन में संगठनात्मक सुधारों के प्रभावी क्रियान्वयन पर विशेष जोर दिया गया। इन सुधारों का उद्देश्य संचालनात्मक दक्षता और रणनीतिक फुर्ती को बढ़ाना है। भैरव बटालियनों और ड्रोन प्लाटूनों जैसी प्रमुख पहलों को बहु-डोमेन युद्धक्षेत्र में इन्फैंट्री की प्रभावशीलता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धियां बताया गया। ये सुधार इन्फैंट्री को एक नेटवर्क-सक्षम, तकनीक-आधारित और चुस्त बल में रूपांतरित करने की दिशा में निर्णायक कदम हैं।
सम्मेलन का समापन वीरता, पेशेवर उत्कृष्टता और राष्ट्र के प्रति समर्पण के सर्वोच्च मानकों को बनाए रखने के सामूहिक संकल्प के साथ हुआ। सम्मेलन में उप सेनाध्यक्ष, आर्मी कमांडर्स, इन्फैंट्री से जुड़े अधिकारी, महानिदेशक इन्फैंट्री, विभिन्न इन्फैंट्री रेजिमेंटों के कर्नल, रेजिमेंटल सेंटर्स के कमांडेंट्स तथा भारतीय सेना की विभिन्न इन्फैंट्री संरचनाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

Jeevan Ayurveda Clinic

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here