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नेतन्याहू का बयान: संघर्ष जारी, लेकिन शांति की राहें अब भी खुली हैं

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तेल अवीव
इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने 'दुश्मनों की बड़ी चुनौतियों' के बीच भी 'शांति के बड़े अवसर' की बात की है। माउंट हर्जल में आयोजित एक राजकीय कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने ये विचार रखे। युद्ध में मिली सफलता की सराहना करते हुए, नेतन्याहू ने कहा, "हमारे दुश्मन अभी भी एक बड़ी चुनौती हैं। वे फिर से हथियार उठाने की फिराक में हैं।" उन्होंने स्पष्ट तौर पर ईरान का नाम नहीं लिया, लेकिन द टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार इशारा उन्हीं की ओर था। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए नेतन्याहू ने कहा, "बड़ी चुनौतियां—और उनके साथ-साथ, शांति के दायरे को व्यापक बनाने के और बड़े अवसर हैं। हम अपने इस दावे को दोहराते हैं कि युद्ध के बाद इजरायल पड़ोसी अरब देशों के साथ रिश्तों को सामान्य बनाने और शांति समझौतों का विस्तार करने के लिए तैयार है।"
नेतन्याहू ने माना कि राष्ट्रीय एकता जरूरी है। वे बोले, "हम एक साथ दोनों स्तरों पर काम कर रहे हैं, और दोनों ही स्तरों पर एकता जरूरी है, युद्ध में भी और शांति में भी। हम अपने सभी लक्ष्य हासिल करेंगे, सिर्फ आंतरिक एकजुटता, आपसी जिम्मेदारी और उन बंधनों को मजबूत करके जो तोड़ते नहीं बल्कि जोड़ते हैं।"
इससे पहले उन्होंने हर बंधक (शव) को वापस लाने की बात कही। बोले, "हम हर एक बंधक को वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है। लेकिन आज एक बात स्पष्ट है: जो कोई भी हमारे खिलाफ हाथ उठाएगा, वह पहले से ही जानता है कि उसे अपनी आक्रामकता की बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। हम उस जीत को हासिल करने के लिए दृढ़ हैं जो आने वाले कई वर्षों तक हमारे जीवन की दिशा तय करेगी।"
उन्होंने शहीद सैनिकों के परिवारों से कहा, "मैं आपके दुख की गंभीरता को समझता हूं। मैं युद्ध में लड़ने वाले सभी सैनिकों—यहूदियों, ड्रूज, ईसाइयों, मुसलमानों, बेडोइन, सर्कसियन, और अन्य समूहों के सदस्य जो कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे—का राष्ट्र की ओर से आभार व्यक्त करता हूं।"

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