Home देश ह्रदयघात से पीड़ित 50 फीसदी रोगी मधुमेह का शिकार – स्टडी

ह्रदयघात से पीड़ित 50 फीसदी रोगी मधुमेह का शिकार – स्टडी

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नई दिल्ली
 डायबिटीज एक धीमा जहर है. अगर सही से देखभाल नहीं हुई तो इंसान कई और बीमारियों से ग्रसित हो जाता है. लिहाजा देश भर में डायबिटीज यानी मधुमेह को लेकर लगातार रिसर्च किए जा रहे हैं. इसी कड़ी के तहत एक स्टडी में पता चला है कि जो लोग हार्ट अटैक का शिकार होते हैं उनमें से 50 फीसदी मरीजों में पहले से ही डायबिटीज होती है. हैरानी की बात ये है कि इसके बारे में मरीजों को पता नहीं होता है. ये स्टडी ग्लोबल हेल्थ जर्नल में प्रकाशित हुई है. आमतौर पर ऐसे ब्लॉकेज को विज्ञान की भाषा में एसटी एलिवेशन मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन (STEMI) कहा जाता है.

 स्टडी उत्तर भारत के 3523 मरीजों पर की गई. जनवरी 2019 से लेकर फरवरी 2020 के बीच स्टडी दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल और जनकपुरी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में की गई. इनमें सिर्फ 855 यानी 24 फीसदी मरीजों को पता था कि उन्हें डायबिटीज है. बाकी डायबिटीज को लेकर अंजान थे.

डायबिटीज की जानकारी नहीं
इतना ही नहीं इस स्टडी में कई और हैरान करने वाले नतीजे सामने आए हैं. ज्यादातर मरीजों को ये पता नहीं था कि उन्हें डायबिटीज है. बता दें कि डायबिटीज से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. डॉक्टर मोहित गुप्ता ने बताया कि जिन लोगों को डायबिटीज के बारे में पहले से जानकारी थी और जो लोग इसका ख्याल रख रहे थे उनमें हार्ट अटैक आने का खतरा कम हो जाता है.

जांच बेहद जरूरी
डॉक्टर मोहित गुप्ता के मुताबिक 18 साल से ज्यादा उम्मर के लोगों को समय-समय पर डायबिटीज की जांच करानी चाहिए. इससे हार्ट अटैक और बाकी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है. जीबी पंत अस्पताल के डॉक्टर ने कहा, ‘ये पाया गया कि प्री-डायबिटीज (49%), नए पाए गए डायबिटीज (53%) और स्थापित डायबिटीज (48%) के रोगियों में बाएं वेंट्रिकुलर डिसफंक्शन की उच्च दर का अनुभव हुआ. गैर-मधुमेह रोगियों (42%) की तुलना में दिल का दौरा.’

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