Home देश चुनावों में ‘रेवड़ी कल्चर’ पर लगेगी लगाम? केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट...

चुनावों में ‘रेवड़ी कल्चर’ पर लगेगी लगाम? केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दिया 11 सदस्यीय समिति का प्रस्ताव

20
0

 नई दिल्ली।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक रैली के दौरान 'रेवड़ी राजनीति' की निंदा की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसको लेकर सवाल खड़े किए हैं। राजनीतिक दलों द्वारा अपनाए जा रहे इस परिपाटी को 'आर्थिक आपदा' करार देने के बाद केंद्र ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को इस मुद्दे पर गौर करने के लिए 11 सदस्यीय समिति गठित करने का सुझाव दिया है।

केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया, "रेवड़ी कल्चर को काफी बढ़ावा दिया गया है। अब चुनाव सिर्फ इसी आधार पर लड़े जाते हैं। अगर इसे लोगों के कल्याण का रास्ता माना जाता है, तो यह एक आर्थिक आपदा का कारण बन जाएगा। पिछले आदेश के अनुसरण में मैं कोर्ट से एक समिति बनाने का प्रस्ताव देता हूं। जब तक विधायिका इस पर विचार करती है, तब तक इसके प्रभुत्व को लेकर कुछ निर्धारित किया सकता है।”

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों के द्वारा मुफ्त का वादा करने की प्रथा का विरोध किया गया है। चुनाव आयोग से ऐसे राजनीतिक दलों के चुनाव चिन्ह को फ्रीज करने और उनके रजिस्ट्रेशन को रद्द करने जैसी मांग भी की गई है।
 
केंद्र सराकर के अनुसार, प्रस्तावित समिति में वित्त सचिव, वित्त मंत्रालय, राज्य सरकारें, प्रमुख वाणिज्यिक संगठनों के प्रतिनिधि, चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त प्रतिनिधि, नीति आयोग, भारतीय रिजर्व बैंक के प्रतिनिधियों के साथ-साथ राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के भी एक-एक प्रतिनिधि के शामिमल करने की बात कही गई है। इसके अतिरिक्त, तुषार मेहता ने कहा कि बिजली वितरण कंपनियों को भी समिति का हिस्सा होना चाहिए। उनका कहना था कि कुछ राज्यों में ये कंपनियां भी राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त बिजली के लिए किए गए वादों के कारण भारी कर्ज में डूब गई है।

पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि नीति आयोग, वित्त आयोग, विधि आयोग, भारतीय रिजर्व बैंक और सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के सदस्यों को लेकर एक विशेषज्ञ समिति बनाने की बात कही थी। कोर्ट का कहना था कि यह निकाय चुनाव प्रचार के दौरान मुफ्त उपहार के वादे के मुद्दे पर चर्चा करेगी।

 

Previous article900 रुपए में पूरे साल करें Unlimited Calling
Next articleHar Ghar Tiranga Campaign: अपलोड करें अपनी सेल्फी, Digital Tiranga में दी जाएगी जगह

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here