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NLIU: न्यायाधीश, वकीलों की फर्जी डिग्री का होगा रिव्यू

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भोपाल
राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय के 226 विद्यार्थियों का फर्जी डिग्री लेने का प्रकरण एक बार फिर सामने आ गया है। क्योंकि एनएलआईयू पूर्व हाईकोर्ट के जज अभय कुमार गोहिल की रिपोर्ट पर रिव्यू कराना चाहती है। हाईकोर्ट ने पूर्व हाईकोर्ट जज एके जैन पर मोहर लगा दी है। उन्हें ये रिपोर्ट सितंबर तक एनएलआईयू में सौंपना है।

एनएलआईयू से 226 विद्यार्थियों ने फेल होने के बाद भी पास होने की डिग्री ली हुई है। इसमें करीब 13 न्यायाधीश हैं। शेष विद्यार्थी अदालत में अधिवक्ता और बड़ी-बड़ी कंपनियों में विधिक सलाहकार के तौर पर पदस्थ हैं। उक्त विद्यर्थियों का फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद एनएलआईयू प्रबंधन ने हाईकोर्ट के पूर्व अभय कुमार गोहिल से जांच कराई थी। उन्होंने जांच के दौरान 226 विद्यार्थियों को फर्जी डिग्री लेने के आरोप को सिद्ध पाया था। इसमें एनएलआईयू के प्रोफेसर, अधिकारी और कर्मचारी की भागीदारी भी सामने आई थी।

पूर्व जज गोहिल की रिपोर्ट एनएलआईयू की गले की हड्डी बन गया है। इसलिए उन्होंने हाईकोर्ट से रिपोर्ट का रिव्यू कराने की मांग की थी। इसमें हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट के पूर्व जज एनके जैन को रिव्यू कराने का दायित्व दिया है। उन्हें ये रिपोर्ट सितंबर तक एनएलआईयू को सौंपना है।

नोटिस के बाद मचा हड़कंप
पूर्व जज गोहिल की रिपोर्ट के आधार पर सामान्य परिषद ने दोषी प्रोफेसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए नोटिस देकर जवाब-तलब कराए थे। प्रोफेसरों ने जवाब बंद लिफाफे में जमा कर दिए हैं। जानकारी के मुताबिक करीब आधा दर्जन प्रोफेसरों की नियुक्तियां फर्जी तरीके से हुई हैं। इसके कारण उनकी सेवाएं समाप्त होने के बाद रिजल्ट में गड़बड़ी करने पर एफआईआर दर्ज होगी। इससे हड़कंप मचा हुआ है।

कॉपी में 8, टीआर में मिले 80 अंक
एक विद्यार्थी की कॉपी में 8 अंक प्रोफेसर ने मूल्यांकन कर दिए हैं, जबकि एनएलआईयू के ट्रब्यूलेशन रिकार्ड (टीआर) में उसके अंक ओवर राइटिंग कर 80 किए गए हैं। ऐसे ही अंक कई विद्यार्थियों के ओवर राइटिंग करके बदले गए हैं।

 इनका कहना है
तत्कालीन परिस्थिति में जो साक्ष्य मेरे सामने आए थे, उनके तहत मैंने रिपोर्ट तैयार कर एनएलआईयू प्रबंधन को सौंप दी है। इसके बाद निर्णय लेने का अंतिम निर्णय उनका है।
– अभय कुमार गोहिल, पूर्व हाईकोर्ट जज
एनएलआईयू प्रबंधन ने मुझसे हाईकोर्ट के पूर्व जज अभय कुमार गोहिल की जांच रिपोर्ट का रिव्यू करने की सहमति मांगी थी, जिसे देने से मैंने इंकार कर दिया था। अब हाईकोर्ट का आदेश आएगा तो वे रिव्यू करने को तैयार हैं।
– एनके जैन, पूर्व हाईकोर्ट जज

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