Home छत्तीसगढ़ नरवा योजना नहीं होती तो छांटा में इस बार मुश्किल हो जाती

नरवा योजना नहीं होती तो छांटा में इस बार मुश्किल हो जाती

17
0

दुर्ग

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की नरवा योजना का जादूई असर ग्रामीण क्षेत्रों में दिखने लगा है। ये तस्वीरें छाटा से आई हैं। छाटा में इस बार पानी कम गिरा है। छाटा ही नहीं आसपास के अनेक ग्रामीण क्षेत्रों में खंड वर्षा हुई है चूंकि छाटा नरवा प्रोजेक्ट में था इसलिए यहां पर इसका कोई असर नहीं हुआ और खेतों के लिए किसानों के पास पर्याप्त पानी है। छाटा के किसान देवेंद्र पटेल ने बताया कि इस इलाके में खंड वर्षा हुई है कहीं हुई, कहीं नहीं। चूंकि शासन ने नरवा योजना में चेक डेम बना दिया और नाले से गाद निकलवा दी इसलिए पानी ठहर गया और हमारे खेतों को पानी की संजीवनी मिल गई। गांव के किसान पुनीत ने बताया कि 19 जून को अच्छी बारिश हुई थी और इससे ही चेक डेम में अच्छा पानी आ गया। चेक डेम नहीं बनता तो पूरा पानी बह जाता। इसके साथ ही नरवा कार्य होने से आसपास के खेतों में नमी भी पर्याप्त मात्रा में है और भूमिगत जल का स्तर अच्छा बढ?े से किसानों को लाभ हुआ है। जून से अगस्त तक चार बार वर्षा का पानी रोका गया है और 172 एकड़ खेतों में सिंचाई की जा चुकी है। यह सिंचाई मोटर पंपों के माध्यम से हो रही है। इसके अलावा भूमिगत जल का रिसाव नाले के माध्यम से अच्छा होने से जिन खेतों में बोर है वहां भी अच्छा पानी आ रहा है। पहले इस नरवा में पानी का प्रवाह फरवरी तक ही होता था अब अप्रैल तक इसमें पानी रहता है। इससे दोनों फसले लेने के लिए रास्ता खुल गया है। जिला पंचायत सीईओ श्री अश्विनी देवांगन ने बताया कि अभी कलेक्टर श्री पुष्पेंद्र मीणा के साथ नरवा योजना के किनारे के गांवों का निरीक्षण किया और सभी में भूमिगत जल का स्तर काफी उठा है। किसान काफी खुश हैं। खंड वर्षा से होने वाले दुष्प्रभाव से किसान बच गये हैं और अब तक बर्बाद होने वाला पानी अब सुरक्षित रहने लगा है।

पहले चेक डेम था बदहाल- उल्लेखनीय है कि बोदल बोहारडीह से सांतरा तक सवा तीन किमी नाले पर कार्य किया गया है जिससे एक बड़े पैच में कैचमेंट एरिया का पानी भूमिगत जल के रूप में रिस रहा है और अंतत: खेतों तक पहुंच रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि इससे पहले यहां चेक डेम तो था लेकिन बदहाल था, इसका उपयोग ही नहीं था। अब मरम्मत हो गई और नाले में गाद भी निकल गया। इससे बारिश की एक-एक बूंद को हम बचा पाये हैं।

Previous articleतीनो ग्रामीणवासी ने मिलकर 10 नीम, 7 आम, 70 तुलसी व फूलो के वृक्षो को लगाने का किया फैसला
Next articleकलेक्टर सरगुजा कुंदन कुमार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here