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चीन की कम्युनिस्ट पार्टी कांग्रेस की बैठक आज होगी खत्म, नई लीडरशिप का ऐलान करेंगे शी जिनपिंग

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 चीन
Chinese President Election: चीन के साथ साथ आज दुनिया को भी पता चल जाएगा, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मिलकर कौन देश चलाएगा, जब चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) एक दशक में दो बार चलने वाले कांग्रेस की बैठक के खत्म होने का ऐलान करेगी। आज चीन के वरिष्ठ राजनीतिक नेतृत्व का खुलासा किया जाएगा और राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) के लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति बनने का ऐलान किया जाएगा। चीन की राजधानी बीजिंग में स्थिति 'द ग्रेट हॉल' में इस वक्त कम्युनिस्ट पार्टी कांग्रेस की बैठक चल रही है, जिसमें कम्युनिस्ट पार्टी के करीब 2300 कार्यकर्ता हिस्सा ले रहे हैं। बैठक के खत्म होने के बाद कम्युनिस्ट पार्टी की आखिरी निर्णय लेने वाली सर्वोच्च कमेटी पोलित ब्यूरो के सदस्यों के नाम की घोषणा की जाएगी।
 
तीसरी बार राष्ट्रपति बनेंगे शी जिनपिंग
69 साल के शी जिनपिंग कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक माओत्से तुंग के बाद से चीन के सबसे शक्तिशाली नेता के तौर पर उभरे हैं और उनकी पकड़, चीन की धीमी अर्थव्यवस्था, प्रतिबंधात्मक महामारी उपायों पर जनता का गुस्सा, पश्चिमी देशों के साथ कथित मानवाधिकारों के हनन जैसे मुद्दों पर विवाद और यूक्रेन युद्ध पर रूस की निंदा नहीं करने के बावजूद, सत्ता पर उनकी पकड़ और मजबूत हुई है। आज बैठक खत्म होने के बाद घोषणा की जाएगा, कि कम्युनिस्ट पार्टी की सर्वोच्च कार्यकारिणी में किसकी एंट्री होती है, किसे बाहर किया जाता है और प्रधानमंत्री ली केकियांग की जगह कौन लेता है, जिनका कार्यकाल अगले साल मार्च महीने में खत्म हो रहा है। अगर ली केकियांग की जगह किसी नये चेहरे के नाम का ऐलान होगा, तो वो शी जिनपिंग की कम्युनिस्ट पार्टी पर पूरी तरह से पकड़ का प्रतिनिधित्व करेगा और पूरी तरह से साफ हो जाएगा, कि माओ के बाद शी जिनपिंग से बड़ी ताकत फिलहाल चीन में कोई और नहीं है।
 
सीपीसी के नये पीएससी का गठन
आज जब कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चायना (सीपीसी) के पोलित ब्यूरो स्टैंडिंग कमेटी (पीएससी) की नई टीम के गठन का ऐलान किया जाएगा, उससे यह भी पता चलेगा, कि आने वाले वक्त में दुनिया के साथ चीन के कैसे संबंध होने वाले हैं। ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी में ऑस्ट्रेलियन सेंटर ऑन चाइना इन द वर्ल्ड के डायरेक्टर बेन हिलमैन ने कहा कि, "नए पीएससी लाइनअप हमें बताएंगे कि क्या शी जिनपिंग केवल व्यक्तिगत वफादारी की परवाह करते हैं या क्या वह शीर्ष नेतृत्व में अलग अलग मतों के लोगों को शामिल करते हैं, जो उन्हें अलग अलग सलाह दे सकें, या फिर वो ऐसे लोगों को चुनते हैं, जो उनकी हां से हां मिलाएं।" उन्होंने कहा कि, "यह संभव है कि नए पीएससी में पूरी तरह से शी जिनपिंग के वफादार शामिल होंगे, जो शी जिनपिंग की शक्ति की मजबूती का संकेत देगा, लेकिन, ये चीन के लिए बहुत बड़ा जोखिम पैदा करेगा। शीर्ष पर 'यस टीम' की मौजूदगी सामूहिक फैसले लेने की परंपरा को खत्म कर देगा।"

 

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