मध्य प्रदेशराज्य
सागर जिले को राष्ट्रीय जल संरक्षण का पुरस्कार, नीमच जिले को रिवाइवल आॅफ रीवर का श्रेष्ठ पुरस्कार

भोपाल
कभी जलसंकट के चलते आत्महत्या के लिए पहचाने वाले वाले बुंदेलखंड अंचल के सागर जिले ने अपनी इस छवि को ना केवल पूरी तरह बदल कर रख दिया है बल्कि राष्टÑीय स्तर पर जल संरक्षण के लिए श्रेष्ठ जिला होने का राष्टÑीय अवार्ड लेकर प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। वहीं नीमच जिले ने नदी संरक्षण के लिए श्रेष्ठ जिले का अवार्ड प्राप्त किया है। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा घोषित राष्टÑीय पुरस्कारों में सागर और नीमच जिलों की झोली में दो पुरस्कार आए है।
केन्द्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने सागर जिले को जल संरक्षण के लिए श्रेष्ठ जिले का तीसरा पुरस्कार प्रदान किया है। दस लाख 22 हजार 759 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले सागर जिले में विभागीय प्रमुख मनोज श्रीवास्तव के नेतृत्व में कलेक्टर सागर और जिला पंचायत सीईओ द्वारा किए गए प्रयासों से 9 लाख 25 हजार 400 हेक्टेयर क्षेत्र को रिचार्ज किया गया है। इसके लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग को बढ़ावा दिया गया है। इसमें सूखे इलाकों में वर्षा संरक्षण के संरचनाओं से इस तरह पानी बचाया गया कि उसे पूरे प्रदेश में लागू किया जा रहा है। साथ ही जिले में सरकारी भवनों पर ही 4 हजार 446 रेन वाटर हार्वेस्टिंग उपकरण लगाए गए है। इसके अलावा खराब पानी के रिसाइकल कर उपयोग करने के प्रयोग भी जिले में किए गए है। ऐसी कुल 5 हजार 148 संरचनाओं के जरिए एक करोड़ 51 लाख लीटर जल संरक्षित किया।
मध्यप्रदेश के नीमच जिले को रिवाइवल आॅफ रीवर के श्रेष्ठ जिलों की श्रेणी का राष्टÑीय स्तर का तीसरा पुरस्कार मिला है। नीमच जिले में जो नदियां है उनमें जलस्तर बढ़ाने के लिए अलग-अलग प्रयास किए गए है। नदियों की खुदाई, उदगम स्थलों का जीर्णोद्धार, वाटर हार्वेस्टिंग, छोटे स्टाप डेम और नदियों के जीणोद्धार के लिए जनसहयोग से काफी प्रयास किए गए । इसके चलते नीमच की नदियों में जल स्तर तेजी से बढ़ा है। इसीलिए जिले को यह पुरस्कार मिला है।