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वन नेशन-वन राशन कार्ड: दूसरे राज्यो में राशन लेने और देने में मध्यप्रदेश देश में बारहवें स्थान पर

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भोपाल
मध्यप्रदेश के 93 लाख लोग ऐसे है जो पिछले एक साल में अपनी राशन दुकानों पर नहीं पहुंचे फिर भी इन्हें सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत एक रुपए किलो में गेहूं-चावल , नमक और बीस रुपए किलो शक्कर सहित अन्य रियायती खाद्य सामग्री का लाभ मिला है। मध्यप्रदेश के कई पीडीएस हितग्राही तो ऐसे है जिन्होंने दूसरे राज्यों में जाकर भी राशन लिया वहीं मध्यप्रदेश ने भी बाहरी राज्यों के कई हितग्राहियों को मध्यप्रदेश में राशन उपलब्ध कराया है। इंटरस्टेट सार्वजनिक वितरण प्रणाली का राशन बांटने के मामले में मध्यप्रदेश पूरे देश में बारहवे स्थान पर है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत अब सरकार वन नेशन वन राशन कार्ड योजना शुरु कर चुकी है। अब देशभर में कहीं भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली के उपभोक्ता राशन प्राप्त कर सकते है।  

इस योजना के तहत मध्यप्रदेश देश में बारहवा राज्य है जिसने अन्य राज्यों के हितग्राहियों को मध्यप्रदेश में राशन बांटा या मध्यप्रदेश के हितग्राहियों ने अन्य राज्यों में जाकर राशन लिया। अगस्त 2020 से जून 2022 के बीच कुल 91 हजार 248 लोगों ने इस योजना के तहत दूसरे राज्यों में भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सस्ते राशन का लाभ लिया। इसमें अन्य राज्यों के 11 हजार 687 लोगों ने  मध्यप्रदेश में राशन लिया वहीं मध्यप्रदेश के 79  हजार 561 लोगों ने अन्य राज्यों में जाकर राशन लिया है।

अगस्त 2020Ñ में केवल 33 लोगों ने ही इस योजना का लाभ लिया था। इसमें हर महीने इजाफा हुआ और अब  इनकी संख्या बढ़कर 91 हजार से अधिक हो गई है।
अगस्त 2020 में  3 लाख 20 हजार 817 लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया था अब इसकी संख्या बढ़कर 93 लाख 33 हजार से अधिक हो गई है।

93 लाख 33 हजार लोगों ने अपनी दुकान छोड़ दूसरी दुकानों से लिया राशन
मध्यप्रदेश के 93 लाख 33 हजार 94 हितग्राही ऐसे है जिन्होंने मध्यप्रदेश के भीतर ही अपनी राशन दुकान छोड़कर दूसरी राशन दुकानों पर जाकर रियायती राशन लिया। इसमें जिले के भीतर ही अपनी दुकान छोडक र दूसरे मोहल्ले या दूसरे स्थान की राशन दुकान पर जाकर राशन लेने वालों की संख्या 82 लाख 52 हजार 359 रही। वहीं अपने जिले को छोड़कर दूसरे जिले में जाकर राशन लेने वाले हितग्राहियों की संख्या 10 लाख 80 हजार 735 रही है।

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