
राजनांदगांव
जनता ने मुझे चुना है मेरी पहली जवाबदेही जनता के प्रति है रेणु व अमित जोगी द्वारा मरवाही में भाजपा प्रत्याशी को समर्थन देने से मैं हैरान हूं। मेरी विचारधारा कांग्रेसी है और यदि भूपेश बघेल सरकार अच्छा कार्य कर रही है तो उसकी प्रशंसा की जानी और गलत होने पर मैं आलोचना करने से भी पीछे नही हटता।
खैरागढ़ विधानसभा से जनता कांग्रेस जोगी के विधायक देवव्रत सिंह ने शनिवार को मीडिया से चर्चा करते हुए ये विचार व्यक्त किए। उन्होंने पत्रकारों के सवालों का साफगोई से जवाब दिया और बातों ही बातों में कांग्रेस और भूपेश बघेल के प्रति अपना समर्पण भी जता दिया जो इस बात का संकेत दे गया कि भविष्य में दो और विधायकों का साथ मिलने पर वे अपने पुराने घर में लौट सकते हैं।। जोगी कांग्रेस से विधायक बने देवव्रत ने कहा कि वे जोगी जी की पार्टी और चुनाव चिन्ह से अवश्य विधायक बने हैं लेकिन वास्तव में उन्हें विधायक तो मतदाताओं ने बनाया है इसलिये पहली जवाबदेही उनकी मतदाताओं के प्रति है। उन्हांने कहा कि अजीत जोगी जीवन पर्यंत भाजपा के विरोधी रहे हैं और उनके निधन के बाद रेणु व अमित जोगी द्वारा मरवाही चुनाव में भाजपा को समर्थन देने का जो निर्णय लिया गया है मैं इसका समर्थन नहीं करता। उन्होंंने कहा कि जनता कांग्रेस जोगी में जाने से पहले मुण्े भाजपा प्रवेश का न्योता मिला था लकिन मैंने उसे स्वाीकार नहीं किया क्योंकि अजीत जोगी भाजपा विरोधी रहे हैं क्योंकि उनकी सोच व नजरिया कांग्रेस का रहा है।
देवव्रत ने कहा कि मैं पार्टी के कोर कमेटी का सदस्य हूँ लेकिन मुझसे कोई बात नही की गई, मैंने बलौदाबाजार के हमारे पार्टी के विधायक प्रमोद शर्मा से भी चर्चा की उनका भी स्पष्ट कहना था कि भाजपा में जाने या उसको समर्थन देने का प्रश्न ही नही उत्पन्न होता. देवव्रत ने कहा कि एक ओर रेणु जोगी कांग्रेसाध्यक्ष सोनिया गांधी को घर में नये मेहमान के आने की खुशख्बरी देते हुए उनसे नामकरण करवाना चाहती हैं और दूसरी ओर भाजपा को समर्थन दे रही हैं। यह किसा प्रकार की निष्ठा है? जो समझ से परे है। जोगी कांग्रेस के इस विधायक ने कहा कि कांग्रेस को छोड़कर उस समय भी माधवराव सिंधिया अर्जुन सिंह और कई बड़े दिग्गज चले गये थे लेकिन वह वापस कांग्रेस में लौट आये। उन्हांने कहा कि एक ओर अमित जोगी मुझे बड़ा भाई मानते हैं और दूसरी ओर कहते हैं कि पार्टी छोड़ कांग्रेस से चुनाव लड़कर जीत कर दिखाएं। मुझे विधायक मतदाताओं ने बनाया है,यदि ऐसी बात थी तो वे स्वंय कांग्रेस छोड़ मरवाही से चुनाव लड़ सकते थे फिर उन्होंने कांग्रेस क्यों नहीं छोड़ी?
आखिर में विधायक देवव्रत ने कहा कि हम कांग्रेस की नीतियों के समर्थक थे और रहेंगे अमित जोगी अपने बच्चे का नामकरण करने के लिए सोनिया जी को पत्र लिखा था। देवव्रत सिंह ने मीडिया से चर्चा में खुलासा किया कि डॉ. रेणु जोगी ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी को बकायदा पत्र लिखकर अमित जोगी के बच्चे का नामकरण करने का आग्रह किया था। उन्होंने बताया कि पत्र में बेबी को सोनियाजी ने अमित की संतान को बेटी समझा और चार नाम सुझाए भी। बाद में उन्हें बताया गया कि अमित को बेटी नहीं बेटा हुआ है।दूसरी तरफ, जोगी परिवार मरवाही में भाजपा का समर्थन कर रहे हैं। उनका यह कैरेक्टर समझ से परे है।
देवव्रत की पत्रकार वार्ता के बाद अमित जोगी ने फेस बुक पर ये बातें कि शेयर
देवव्रत सिंह मेरे बड़े भाई हैं। मैं उनका दिल से सम्मान करता हूँ।मेरे पिता जी ने भी उनको अपना बेटा माना था। मुझे पूरा विश्वास है जब वे मेरे पिता जी स्वर्गीय अजीत जोगी जी का उनके मरणोपरांत अपमान करने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम का भाषण सुनेंगे, तो कदापि उनका साथ नहीं देंगे बल्कि उनके सम्मान की रक्षा करने में मेरी माँ और मेरा साथ देंगे।
-अमित अजीत जोगी