
दंतेवाड़ा
पिछले कई दिनों से पुलिस द्वारा नक्सलियों की तलाश की जा रही थी कि राज्य स्थापना दिवस के मौके पर रविवार को 27 नक्सलियों ने बारसूर थाना में आकर आत्मसमर्पण कर दिया जिसमें 5 इनामी नक्सली भी शामिल हैं जिन इन पर 1-1 लाख रुपए का इनाम घोषित था। पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारियों के सामने इन नक्सलियों ने आम जिंदगी जीने और नक्सलियों का कभी साथ ना देने की कसम खाई।
दंतेवाड़ा की पुलिस लोन वरार्टू (घर वापस आइए) अभियान चला रही है और वहीं दूसरी ओर कई नक्सलियों पर इनाम भी घोषित कर रखा है। घर वापस आइए अभियान के तहत राज्य स्थापना दिवस के दिन रविवार को 27 नक्सलियों ने खुद बारसूर थाना पहुंचकर आत्मसमर्पण करने पहुंचे। इनमें एक महिला नक्सली अपने दूधमुंहे बच्चे के साथ पहुंची थी। इन सभी का पहले स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और इसके बाद इन्हें मुख्य धारा में वापस आने के लिए राज्य सरकार की ओर घोषित प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई। इस दौरान सभी 27 नक्सलियों ने कसम खाते हुए कहा कि अब वे दोबारा उस दरंदगिरी में नहीं जाएंगी जहां से वापस आना ना मुनकिन है, जहां प्रताड?ा के अलावा कुछ भी नहीं मिलता। अगर दोबारा वे उनसे संपर्क करने की कोशिश करेंगे तो वे उनका साथ कभी भी नहीं देंगी। अब वे सभी आप जिंदगी जीना चाहती है।
ये सभी नक्सली इंद्रावती नदी की दूसरी तरफ के गांवों के रहने वाले हैं जहां नक्सलियों का राज चलता है। एसपी अभिषेक पल्लव ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि हमने 1600 नक्सलियों की सूची जारी की थी। सभी से हम सरेंडर करने कह रहे हैं। बीते 5 महीने में 177 नक्सलियों ने हिंसा छोड़ दी है और वे अब आम जिंदगी जी रहे हैं। इनमें 45 बड़े इनामी नक्सली भी शामिल है। एसपी ने बड़े इनामी नक्सलियों से कहा कि वे हथियारों के साथ आत्मसमर्पण करेंगे और राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही योजना का लाभ उठाए, हिंसा से दोनों तरफ ही नुकसान होना है फायदा किसी का नहीं है।