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मध्यप्रदेश में बहुआयामी स्वरूप मिलेगा अभियान को, तिरंगामय हो मध्यप्रदेश : मुख्यमंत्री चौहान

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भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि तिरंगा हमारी शान, सम्मान और राष्ट्रभक्ति का प्रतीक है। मध्यप्रदेश में "हर घर तिरंगा" अभियान को बहुआयामी स्वरूप दिया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान निवास कार्यालय में 13 से 15 अगस्त तक "हर घर तिरंगा" अभियान की तैयारियों और वृहद पौधा-रोपण के अंकुर अभियान की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। प्रदेश में "हर घर तिरंगा" का मुख्य अभियान 13 से 15 अगस्त की तिथियों में केन्द्रित रहेगा। अभियान की विभिन्न गतिविधियाँ 11 से 17 अगस्त तक सतत् रूप से चलेंगी। मुख्यमंत्री चौहान ने बैठक में वीडियो कांफ्रेंस से कलेक्टर्स से चर्चा भी की।

मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विनोद कुमार, प्रमुख सचिव संस्कृति शिवशेखर शुक्ला और प्रमुख सचिव जनसंपर्क राघवेन्द्र कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। प्रमुख सचिव संस्कृति शुक्ला ने प्रेजेंटेशन दिया।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव पर "हर घर तिरंगा" एक अद्भुत अभियान है। यह राष्ट्रभक्ति की भावना को दृढ़ बनाने का प्रकल्प है। यह प्रत्येक मध्यप्रदेशवासी का कार्यक्रम है। जिला कलेक्टर्स "हर घर तिरंगा" अभियान को सफल बनाने के लिए अपने जिले में तत्काल बैठक करें। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि धर्मगुरू, राजनैतिक दलों के कार्यकर्ता, रहवासी संघ के प्रमुख पदाधिकारी, व्यापारी बंधु, एनजीओ एवं अन्य साहित्यिक, सांस्कृतिक क्षेत्रों के प्रमुख लोगों के साथ बैठक कर ज्यादा से ज्यादा लोगों को अभियान से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जाए। सबकी सहभागिता के साथ अभियान के लिए हम जुटेंगे तो अच्छे परिणाम मिलेंगे। अभियान के लिए आवश्यक वातावरण का निर्माण किया जाए। कलेक्टर्स से कोटवार तक सभी व्यक्ति सहयोग दें।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि विभिन्न भजन मंडलियों और स्थानीय कलाकारों का सहयोग भी लिया जाए। अभियान प्रारंभ होने की तिथि 13 अगस्त के पूर्व नगरों और बस्तियों में प्रभात फेरियाँ भी निकाली जाएँ। हाथ में राष्ट्रध्वज लेकर चलने के कार्य से अन्य नागरिकों को प्रेरणा मिलेगी। सोशल मीडिया पर भी इसके फोटो एवं वीडियो अपलोड कर लोगों को प्रेरित किया जा सकता है। आवश्यक हो तो नगरों में मैराथन, कवि सम्मेलन के कार्यक्रम कर सहभागिता करने वालों को पुरस्कार भी प्रदान किए जाएँ। कारखानों में प्रबंधन को अभियान को सफल बनाने के लिए श्रमिक बंधुओं को जोड़ने का कार्य करना है। विभिन्न व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में कार्य करने वालों, हाथ ठेला चालकों, स्ट्रीट वेण्डर्स, ऑटो रिक्शा चालकों आदि की भागीदारी भी जुटायी जाए। स्व-सहायता समूह की सदस्य महिलाएँ इसमें हिस्सा लें। निर्वाचित पंचायत पदाधिकारी और पार्षद बड़ी संख्या में अभियान में शामिल हो सकते हैं।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रभारी मंत्री, विधायक, सांसद अभियान को सफल बनाने के लिए अपने स्तर पर आहवान और प्रयास करें। व्यवस्थित प्रचार-प्रसार से यह अभियान सफल हो जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने ट्वीटर हेण्डल पर राष्ट्रध्वज लगाने की पहल की है। अन्य ट्वीटर एकाउंट होल्डर अपनी डीपी में तिरंगे को गर्व के साथ दर्शाएँ। आगामी सप्ताह मध्यप्रदेश में अभियान की तैयारियों की पुन: समीक्षा की जाएगी।

प्रदेश में डेढ़ करोड़ से अधिक झण्डों की आपूर्ति होगी
प्रेजेंटेशन में बताया गया कि मध्यप्रदेश में कुल 1.52 करोड़ तिरंगे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। स्थानीय स्तर पर 1.2 करोड़ तिरंगे बनाने का कार्य जारी है। तिरंगा बनाने में सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाएँ भी जुटी हैं। लगभग 50 लाख तिरंगे केंद्र सरकार से मिलेंगे। अब तक 20 लाख तिरंगे केंद्र से मिल गए हैं। स्थानीय स्तर पर भी 63 लाख तिरंगे बन गए हैं। प्रदेश के समस्त जिलों में तिरंगा वितरण के लिए 36 हजार वितरण केन्द्र बनाए गए हैं। प्रचार-प्रसार के लिए केंद्र शासन की harghartiranga.com वेबसाइट पर तिरंगे के साथ फोटो/सेल्फी अपलोड कर पोस्ट कर सकते हैं और वहाँ से सर्टिफिकेट ले सकते हैं। प्रदेश शासन की सभी वेबसाइट को ओपन करने पर तिरंगा अभियान की जानकारी बैनर के रूप में मिलेगी, इसकी शुरुआत जल्द हो जायेगी। आकाशवाणी और विविध भारती से वतन का राग कार्यक्रम के प्रसारण, रेडियो जिंगल्स, पुस्तिकाओं के उपयोग और नुक्कड़ नाटकों के मंचन के कदम भी उठाए जा रहे हैं। कलेक्टर बुरहानपुर ने एक लघु फिल्म से जिला स्तर पर "हर घर तिरंगा" अभियान से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने की पहल की है। बैठक में इस लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। कलेक्टर मंदसौर ने बताया कि सामाजिक क्षेत्र के प्रमुख लोगों को दायित्व दिया गया है कि वे तिरंगा, जो अल्प राशि पर उपलब्ध होगा, को खरीदने की पहल करें। इस प्रचार से सामान्य-जन अभियान से जुड़ने के लिए प्रेरित होंगे।

पेड़ लगाना धरती बचाने का अभियान है
मुख्यमंत्री चौहान ने सभी जिलों में पौध-रोपण महाअभियान को सफल बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हरियाली महोत्सव और अंकुर अभियान के कार्य निरंतर चलना है। हाल ही में मुख्य सचिव ने इन कार्यों की समीक्षा की है। जिन जिलों की प्रगति धीमी है, उन्हें अपने प्रयास बढ़ाना है। पेड़ लगाना धरती बचाने का अभियान है। कलेक्टर भी अपने जन्म-दिन पर पेड़ जरूर लगाएँ। अधिक से अधिक बच्चों को पौध-रोपण से जोड़ा जाए। जन-अभियान परिषद और अन्य संस्थाओं को जोड़ कर कार्य को सफल बनाएँ। पौध-रोपण का कार्य रस्मी नहीं होना चाहिए। इसे दिल से किया जाए तो हम हरियाली बढ़ाने में निश्चित ही सफल होंगे। एक पेड़ पर अनेक जिंदगी पलती हैं। अनेक पक्षी, कीट-पतंग उन पर बसेरा करते हैं। यह सरकार का महत्वपूर्ण अभियान है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए हमें प्रेरित करता है। स्वाधीनता दिवस तक जिलों में पौधे लगाने का लक्ष्य पूरा करने का कार्य किया जाए।

पौध-रोपण महाअभियान
प्रमुख सचिव पर्यावरण अनिरूद्ध मुखर्जी ने 28 जुलाई से प्रारंभ पौध-रोपण महाअभियान में जिलों द्वारा किए गए कार्य की प्रगति का ब्यौरा प्रस्तुत किया। यह अभियान 15 अगस्त तक सघन रूप से और इसके पश्चात सतत् रूप से चलेगा। प्रेजेंटेशन में बताया गया कि प्रदेश में "अंकुर वायुदूत" एप पर नागरिकों के पंजीयन का कार्य चल रहा है। राजधानी भोपाल सहित इंदौर, शिवपुरी, दतिया, अशोकनगर, नर्मदापुरम, मुरैना एवं गुना जिलों में उत्कृष्ट कार्य हुआ है। जिले में अंकुर कार्यक्रम के सत्यापन के लिए जिला समन्वयक जन-अभियान परिषद और जिला सूचना विज्ञान अधिकारी को दायित्व दिया गया है। कलेक्टर छिंदवाड़ा और कलेक्टर शिवपुरी द्वारा अभियान से अधिकाधिक लोगों को जोड़ने के लिए प्रारंभ किए गए प्रयासों की जानकारी दी गई।

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