भोपाल
तटीय ओडिशा और बंगाल की खाड़ी के आसपास पांच से छह अगस्त तक कम दबाव का क्षेत्र और चक्रवात बनने के आसार दिखाई दे रहे हैं।इसके प्रभाव से मानसून द्रोणिका का पूर्वी हिस्सा नीचे की ओर खिसकेगा, जिससे प्रदेश में वर्षा की गतिविधियां बढ़ेगी।
इस दौरान मानसून द्रोणिका से जुड़ा ऊपरी हवा का एक परिसंचरण भी सक्रिय रहेगा, जो हवा को गति देगा और वर्षा को बढ़ाने में सहयोग देगा।इन सभी मौसम प्रणालियों की वजह से मध्यप्रदेश के कई जिलों में पांच व छह अगस्त से माहौल बदलने की संभावना है और मध्यम से भारी वर्षा हो सकती है। इसके बाद लगभग एक हफ्ते तक गरज-चमक के साथ झमाझम वर्षा का दौर जारी रहेगा।
चंबल संभाग में भारी वर्षा की संभावना
गुरुवार को चंबल संभाग के जिलों में एवं दतिया, शिवपुरी जिलों में तथा सागर, भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर एवं चंबल संभागों के जिलों में मध्य से भारी वर्षा होने की संभावना है। इसके साथ ही कुछ इलाकों में बिजली चमकने एवं गिरने की भी संभावना है।