नई दिल्ली
संवत् 2079 श्रावण पूर्णिमा पर इस बार रक्षाबंधन को लेकर आमजन में काफी भ्रम की स्थिति बनी हुई है। कई पंचांग 11 अगस्त को रात्रि में तो कई पंचांग 12 अगस्त को मध्यान्ह से पूर्व राखी बांधने के निर्देश दे रहे हैं। यह स्थिति पूर्णिमा के दिन भद्रा होने के कारण बताई जा रही है, लेकिन वास्तविकता यह है किपूर्णिमा के दिन भद्रा का होना शाश्वत है, पूर्णिमा के दिन भद्रा आती ही है, इसमें देखने वाली बात यह है कि भद्रा का निवास कहां है। आमजन के सारे भ्रम का निवारण करने के लिए इस लेख में शास्त्रीय निर्णय दे रहा हूं, जिसके अनुसार भद्रा में रक्षा बंधन करना उचित रहेगा या नहीं रहेगा, इसका स्पष्टीकरण हो जाएगा।
शुक्र का कर्क में गोचर 7 अगस्त से 31 अगस्त तक, जानिए क्या होगा प्रभाव? इस बार का पंचांग देखें तो 11 अगस्त 2022 गुरुवार को प्रात: 10 बजकर 40 मिनट से पूर्णिमा तिथि प्रारंभ हो रही है। पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होते ही अर्थात् 10.40 से भद्रा प्रारंभ हो जाएगी जो रात्रि में 8.53 बजे तक रहेगी। अनेक विद्वानों का मत है किरक्षाबंधन भद्रा समाप्ति के बाद अर्थात् रात्रि में 8.53 के बाद किया जाए। जबकिअनेक विद्वान यह कह रहे हैं किरक्षाबंधन रात्रि में नहीं किया जाता है इसलिए अगले दिन 12 अगस्त को सूर्योदय से लेकर पूर्वाह्न 11 बजकर 12 मिनट तक रक्षाबंधन किया जा सकता है। 12 अगस्त को पूर्णिमा तिथि प्रात: 7 बजकर 6 मिनट तक ही रहेगी। वास्तव में ये दोनों ही बातें उचित प्रतीत नहीं होती। क्या हैं शास्त्रीय निर्देश मुहूर्तचिंतामणि ग्रंथ के शुभाशुभप्रकरणम-1 के 45वें श्लोक में भद्रानिवास के बारे में कहा गया है- कुम्भकर्कद्वये मत्र्ये स्वर्गेब्जेजात्त्रयेलिगे।
स्त्रीधनुर्जूकरक्रेधो भद्रा तत्रैव तत्फलम् ।। अर्थात् जब चंद्रमा कुंभ, मीन, कर्क, सिंह राशि का हो तो भद्रा का निवास मृत्युलोक में होता है। मेष, वृषभ, मिथुन और वृश्चिक राशि में चंद्रमा हो तो भद्रा का निवास स्वर्ग लोक में होता है। कन्या, तुला, धनु, मकर का चंद्रमा हो तो भद्रा का निवास पाताल लोक में होता है। भद्रा का निवास जिस लोक में रहता है, उस लोक में उसका अशुभ फल होता है। इस वचन से सिद्ध होता है किकुंभ, मीन, कर्क, सिंह के चंद्रमा में ही भद्रा का दोष मानना चाहिए क्योंकिइस दौरान भद्रा का निवास मृत्युलोक में होता है, जिसमें हम रहते हैं। अन्य राशियों के चंद्रमा में भद्रा का दोष नहीं होता है। 11 अगस्त को चंद्रमा मकर राशि में रहेगा। इसलिए मकर के चंद्र के दौरान भद्रा आ जाए तो उसका निवास पाताल लोक में रहता है। इस कथन के अनुसार भद्रा का दोष नहीं माना जाएगा और 11 अगस्त को दिन में रक्षाबंधन किया जा सकता है। इसलिए बिना किसी डर और शंका के दिन में रक्षाबंधन करें, ईश्वर सब शुभ करेंगे।
रक्षाबंधन मुहूर्त चर
प्रात: 10.55 से 12.32 तक अभिजित : दोप. 12.06 से 12.58 तक लाभ : प्रात: 12.32 से दोप. 2.09 तक अमृत : दोप 2.09 से 3.46 तक शुभ : सायं 5.23 से 7 तक