बीजिंग
अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद चीन ने ताइवान के आसपास सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है।
चीन और ताइवान के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है। अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा से भड़का चीन, उनके लौटते ही और आक्रामक हो गया है। चीन ने ताइवान को घेरने के लिए उसकी सीमा के आसपास घेराबंदी शुरू कर दी है। खबर यह भी है कि चीनी सेना ने ताइवान के आसपास सैन्य अभियान शुरू कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन ने ताइवान की सीमा पर युद्धाभ्यास के लिए युद्धपोत, फाइटर जेट व मिसाइलों को तैनात किया है। आधिकारिक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएलए चार से सात अगस्त तक छह अलग-अलग क्षेत्रों में भी सैन्य अभ्यास करेगा, जो ताइवान द्वीप को सभी दिशाओं से घेरता है।
नैंसी की यात्रा का चीन ने किया था विरोध
अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी चीन के विरोध के बावजूद मंगलवार को ताइवान की राजधानी ताईपेई पहुंचीं थीं। 25 साल बाद ये पहली बार है जब अमेरिकी स्पीकर ताइवान के दौरे पर थीं। इससे पहले 1997 में उस समय के स्पीकर न्यूट गिंगरिक यहां पहुंचे थे। पेलोसी के दौरे से बौखलाए चीन ने तमाम एलान कर डाले। इसके अलावा चीन के फाइटर जेट ताइवान की सीमा के ऊपर उड़ान भरते नजर आए। पेलोसी के ताइवान से रवाना होते ही 27 चीनी लड़ाकू विमान ताइवान के हवाई क्षेत्र में पहुंचे।
चीन-ताइवान के बीच विवाद क्या है?
ताइवान दक्षिण पूर्वी चीन के तट से करीब 100 मील दूर स्थिति एक द्वीप है। ताइवान खुद को संप्रभु राष्ट्र मानता है। उसका अपना संविधान है। ताइवान में लोगों द्वारा चुनी हुई सरकार है। वहीं चीन की कम्युनिस्ट सरकार ताइवान को अपने देश का हिस्सा बताती है। चीन इस द्वीप को फिर से अपने नियंत्रण में लेना चाहता है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ताइवान और चीन के पुन: एकीकरण की जोरदार वकालत करते हैं। ऐतिहासिक रूप से से देखें तो ताइवान कभी चीन का ही हिस्सा था।