दिल्ली में फिर कोरोना की लहर, पूरे देश को डरने वाले आंकड़े

दिल्ली
देश की राजधानी कोरोना की सबसे बुरी लहर से जूझ रही है। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन तो यही कह रहे हैं। आंकड़े भी इसी तरफ इशारा करते हैं। रविवार को रेकॉर्ड 7,745 नए मामले दर्ज किए गए, वह भी सिर्फ 50,754 टेस्ट में। यानी दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट 15.2% हो गया है। दिल्ली में नवंबर के महीने में कोविड मामलों में खासा उछाल देखा गया है। बाकी देश में कोरोना का प्रकोप घट रहा था लेकिन वहां भी पिछले हफ्ते (1-8 नवंबर) में केसेज में थोड़ा उछाल आया है। इस दौरान करीब सवा तीन ताजा मामले दर्ज किए गए जो कि उससे पहले वाले हफ्ते के मुकाबले करीब 6 हजार केस ज्यादा हैं। आइए दिल्ली समेत पूरे देश में कोरोना की स्थिति पर एक नजर डालते हैं।
दिल्ली में बढ़ता ही जा कोरोना का आंकड़ा
दिल्ली में पिछले तीन दिन के भीतर नए केसेज ने दूसरी बार 7,000 का आंकड़ा पार किया है। इस दौरान 77 मरीजों की मौत हुई। दिल्ली का ओवरऑल पॉजिटिविटी रेट 8.6% है जबकि फैटलिटी रेट 1.6% है। यहां करीब 42 हजार मामले ऐक्टिव हैं।
नवंबर के महीने में खूब तेजी से बढ़े मामले
दिल्ली में 3 नवंबर को पहली बार नए कोरोना केसेज ने 6,000 का आंकड़ा पार किया था। 8 नवंबर तक दिल्ली में कोविड के 51,823 मामले सामने आ चुके हैं यानी औसतन 6,477 मामले हर दिन। इस 8 दिनों में 478 लोगों की मौत भी हुई।
कोरोना की सबसे खराब लहर से गुजर रही दिल्ली
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के मुताबिक, राजधानी इस वक्त तीसरी और सबसे खराब लहर से गुजर रही है। उन्होंने कहा कि केसेज जल्द ही कम होने लगेंगे। जैन के मुताबिक, कोविड मामलों में यह उछाल 'अग्रेसिव टेस्टिंग और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग' के चलते आया है। इस उछाल का असर दिल्ली में कोविड अस्पतालों पर भी पड़ा है। आधे से ज्यादा बेड इस्तेमाल हो रहे हैं। दिल्ली कोरोना ऐप के अनुसार, आईसीयू बेड्स भी 80% तक ऑक्युपाइड हैं।
पिछले हफ्ते पूरे देश में बढ़े हैं केस
सितंबर मध्य के बाद से ही भारत में कोरोना के केस घटने लगे थे। वीकली ट्रेंड देखने पर पता चला है कि पिछले हफ्ते (1-8 नवंबर) के बीच केसेज में थोड़ी बढ़त देखी गई। यह पिछले 8 हफ्तों में पहली बार है जब केसेज बढ़े हों। इस दौरान मौतों का आंकड़ा भी बढ़ा है। 1 से 8 नवंबर के बीच 4,014 मरीजों की मौत हुई जबकि उससे पहले वाले हफ्ते में 3,586 लोगों की जान गई थी। दिवाली वाले हफ्ते से पहले केसेज का बढ़ना एक्सपर्ट को टेंशन में डाल रहा है।