मध्य प्रदेशराज्य
तीसरी बार एक हजार करोड़ का कर्ज, सत्ता में आने के बाद तेरह हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी सरकार
भोपाल
कोरोना महामारी के चलते प्रदेश में चल रही विभिन्न परियोजनाओं के संचालन के लिए राज्य सरकार को बार-बार कर्ज लेना पड़ रहा है। अब एक बार फिर मध्यप्रदेश सरकार एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है। अक्टूबर माह में यह तीसरी बार कर्ज लिया जा रहा है।
बुधवार 21 अक्टूबर को राज्य सरकार यह कर्ज बीस साल के लिए लेगी। इसका भुगतान 21 अक्टूबर 2040 तक किया जाएगा। इस कर्ज पर ब्याज की दर वह होगी 21 अप्रैल 2021 को मध्यप्रदेश में कूपन रेट प्रतिशत तय किया जाएगा। वित्त विभाग रिजर्व बैंक के जरिए ई-कुबेर सिस्टम से यह कर्ज ले रहा है। इसके लिए बिड बुलाए जा चुके है। इन्हें आॅज खोला जाएगा। सबसे कम ब्याज दर पर कर्ज देने की इच्छुक संस्थाओं से रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया के मुंबई आॅफिस के जरिए मध्यप्रदेश सरकार यह कर्ज लेगी। राज्य सरकार प्रदेश के विकास के लिए चलने वाली योजनाओं और जो परियोजनाएं शुरु हो चुकी है उनके संचालन और वित्तीय उत्पादकता बढ़ाने के लिए यह कर्ज ले रही है। केन्द्र सरकार द्वारा तय सीमा के भीतर यह कर्ज लिया जा रहा है।
भाजपा सरकार सत्ता में आने के बाद 13 हजार करोड़ रुपए का कर्ज पहले ही ले चुकी है। अब एक हजार करोड़ के नये कर्ज के बाद यह राशि बढ़कर चौदह हजार करोड़ रुपए हो जाएगी।राज्य सरकार पर पहले ही खुले बाजार का 1 लाख 15 हजार 532 करोड़ रुपये का कर्ज है।इसके अलावा बॉन्ड से 7 हजार 360 करोड़, केन्द्र सरकार से 20 हजार 938 करोड़,वित्तीय संस्थाओें से 10 हजार 766 करोड़,अन्य संस्थानों से 20 हजार 909 करोड़,राष्टÑीय बचत योजना से 26 हजार 481 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है।