उत्तर प्रदेशराज्य
गोरखपीठ ने राम मंदिर निर्माण के लिए दिया 1 करोड़ 1 लाख रुपये का चंदा

गोरखपुर
अयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर निर्माण का सपना गोरखपुर के पीठाधीश्वर ने कई दशक पहले देखा था. महंत दिग्विजय नाथ महंत अवैद्यनाथ और मौजूदा पीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ ने भी लंबी लड़ाई राम मंदिर के लिए लड़ी. आज जब यह सपना श्री राम मंदिर निर्माण का पूरा होने जा रहा है. तब गोरखपीठ ने भी दिल खोलकर भगवान श्री राम के मंदिर निर्माण के लिए दान दिया गोरख पीठ की तरफ से एक करोड़ एक लाख रुपए चंदा दिया गया. इस दौरान खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वहां मौजूद थे. सीएम योगी की मौजूदगी में गोरखपुर के उद्योगपतियों ने दिल खोलकर दान दिया.
इस मौके पर चंपत राय ने कहा कि पूरे देश में लोग दिल खोलकर दान कर रहे हैं और देश की 50% से अधिक आबादी दान दे रही है. राय ने कहा, 'महंत अवैद्यनाथ और महंत दिग्विजय नाथ इस आंदोलन से जुड़े रहे हैं. महंत अवैद्यनाथ के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए मैं गोरखपुर आया था. वह 1984 से जीवन उपरांत तक राम मंदिर निर्माण आंदोलन से जुड़े थे.'
राय ने कहा कि हमने इस अभियान के लिए कई महीने पहले ही तय कर लिया था कि मकर संक्रांति पर राम मंदिर निर्माण के लिए अभियान चलाया जाएगा. कोरोना एक बड़ा संकट था. नींव की खुदाई का काम मंदिर निर्माण के लिए शुरू हो चुका है. बाधाएं कभी नहीं आई लेकिन जो एक्सपर्ट होते हैं इंजीनियर होते हैं परीक्षण करते हैं और डेटा का अध्ययन करते हैं तो उन्होंने अध्ययन में पाया कि जमीन का स्वरूप पाइलिंग के अनुरूप नहीं है.
आईआईटी दिल्ली, आईआईटी मुंबई, आईआईटी चेन्नई, एनआईटी सूरत, सीबीआरआई रुड़की, एनजीआरआई हैदराबाद, लार्सन टूब्रो और टाटा के वैज्ञानिक एकमत हो गए हैं. संपूर्ण क्षेत्र में गहराई तक मलवा भरा पड़ा है और इस निकालकर ही नींव की तैयारी है. जब तक मलबा मिलता जाएगा तब तक मालवा निकालते जाएंगे. ऐसा माना जाता है कि 18 मीटर गहरे तक यह इलाका मलबे से भरा पड़ा है. चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण 36 से 39 महीने में पूरा हो जाएगा.
दिल्ली में हुए किसान आंदोलन पर चंपत राय ने कहा कि दिल्ली में जो कुछ हुआ वह राष्ट्रीय अपराध है. किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर चलाया गया. प्रशासन का काम है पता लगाना. यह काम देशभक्त नहीं कर सकते.