ग्वालियर
जीवाजी विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद में राज्यपाल कोटे की महिला ईसी मेंबर डॉ.संगीता चौहान(बाल्मीकी)के पत्रों को विवि के अधिकारी लगातार ठंडे बस्ते में डाल रहे हैं। मेंबर द्वारा पत्रों के जरिए जो जानकारी मांगी जा रही है,वह उपलब्ध नहीं कराई जा रही। बार-बार वे स्मरण पत्र दे रहीं हैं,मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही। जेयू अधिकारियों की इस कार्यशैली से परेशान हो चुकी ईसी मेंबर की पीड़ा अब छलक आई है। हाल ही में उन्होंने अपने पिछले कई पत्रों को लेकर कुलपति प्रो.अविनाश तिवारी को चौथा स्मरण पत्र दिया है। जिसमें कई तरह से सवाल उठाए गए हैं और अपनी पीड़ा भी वयां की है।
उन्होंने वीसी से पूछा है कि क्या कारण हैं कि मुझे मांगी गई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जाती है। ऐसा महसूस हो रहा है कि मैं अनुसूचित जाति की महिला मेंबर हूं इसलिए विवि अधिकारी जानकारी देना उचित नहीं समझते हैं। न ही मेरे द्वारा दिए गए बिंदुओं को कार्यपरिषद के एजेंडा में जोड़ा जाता है। बैठक में भी मेरी बात को नहीं सुना जाता। जो प्रकरण मेरे द्वारा उठाए जाते हैं,उन निर्णयों को ईसी बैठक की मिनटÞ्स में नहीं जोड़ा जाता। ईसी मेंबर ने स्मरण पत्र में बताया है कि कई महीनों से मेरे पत्रों को ठंडे बस्ते में डाला जा रहा। एक कार्यपरिषद सदस्य को विश्वविद्यालय के अधिकारी मांगी गई जानकारी नहीं दे रहे हैं,तो छात्रों के साथ कैसा रवैया अपनाया जाता होगा।