
राजनांदगांव
ठगी के मामले में निर्धारित समयसीमा के अंदर में केस डायरी जमा नहीं किये जाने के चलते न्यायालय द्वारा अफसरों को लगाई गई फटकार के बाद पुलिस कप्तान डी श्रवण ने वभागीय जांच का सामना कर रहे एक टीआई को लाइन अटैच कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि डीजीपी ने कुछ दिनों पहले विभागीय मामलों में फंसे निरीक्षकों और उप निरीक्षकों को थाना से हटाए जाने का आदेश जारी किया था। सोनवानी पर खैरागढ़ में बतौर टीआई 420 के मामले में 60 दिन बाद चालान जमा करने का गंभीर आरोप है। इस मामले में आलाधिकारियों को हाईकोर्ट से कड़ी फटकार मिली थी। जिसके चलते उनके विरूद्ध विभागीय जांच शुरू हुई। पुलिस कप्तान डी. श्रवण द्वारा इस तरह की यह पहली कार्रवाई की है जिसके कारण पुलिस अमले में हड़कंप मचा हुआ। बताया जा रहा है कि इस मामले में निरीक्षक सोनवानी के मातहत रहे उप निरीक्षक मनीष शेंडे पर भी गाज गिरी है उन्हें भी थाने से हटा दिया गया है।
राजनांदगांव पुलिस कप्तान ने कहा कि डी. श्रवण ने कहा कि डीजीपी ने जो आदेश दिए हैं उसी पर अमल किया जा रहा है। उन्होंंने कहा कि जितने कर्मचारी विभागीय जांच का सामना कर रहे हैं उनके खिलाफ इसी प्रकार का कदम उठाया जायेगा। निरीक्षक सोनवानी की कार्यप्रणाली को लेकर खैरागढ़ एसडीओपी जीसी पति ने भी पुलिस कप्तान को लिखित में जानकारी दी थी। माना जा रहा है कि आलाधिकारियों द्वारा मिली रिपोर्ट और उनके ढीले कार्यप्रणाली के चलते थानेदारी से सोनवानी को हटा दिया है। तत्कालीन पुलिस कप्तान जितेन्द्र शुक्ल ने खैरागढ़ में पदस्थ रहते सोनवानी को साल्हेवारा स्थानांतरित किया था। सोनवानी पर विभागीय कामों में रूचि नहीं लेने तथा महत्वपूर्ण प्रकरणों की फाईलों का निपटारा नहीं करने का आरोप था।
बताया जा रहा है कि थानेदार सोनवानी के कारण पुलिस कप्तान सहित अन्य वरिष्ठ अफसरों को कई बार कोर्ट की नाराजगी का सामना करना पड़ा। जिसके चलते उन पर विभागीय जांच शुरू की गई। डीजीपी के आदेश आते ही सोनवानी पर कार्रवाई की गाज गिरी।