भोपाल
कांग्रेस के राष्टÑीय अधिवेशन में 50 साल से कम उम्र के युवा नेताओं को पचास फीसदी सीटों पर टिकट देने का निर्णय प्रदेश में भारी पड़ सकता है। पार्टी ने रायपुर अधिवेशन में इस घोषणा से बहुत से दावेदारों के माथे पर बल ला दिया है। घोषणा के मुताबिक आधे से ज्यादा टिकटें 50 वर्ष से कम आयु वालों को दी जाएंगी। यदि सीटिंग विधायकों को फिर से टिकट दिया तो 230 विधानसभा सीटों में से महज 21 फीसदी ही सीटों पर 50 की उम्र पार कर चुके नेताओं को टिकट मिल सकेगा।
प्रदेश कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते 66 विधायक ऐसे हैं जो चुनाव तक 50 की उम्र को पार कर चुके होंगे। पचास की उम्र पार कर चुके सीटिंग विधायकों को फिर से टिकट दिया गया तो 50 से ज्यादा की उम्र के नेताओं को टिकट मिलने में पसीना आ जाएगा। प्रदेश में आधी सीटों पर यानी 115 सीटों में से 66 सीटों को हटा दिया जाए तो महज 49 सीटों पर ही अब 50 से ज्यादा की उम्र वालों को टिकट दिया जा सकता है। जबकि हारी हुई अधिकांश सीटों पर 50 की उम्र पार कर चुके नेता अभी से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। ऐसे में कई को जोर का झटका अधिवेशन के इस निर्णय के कारण लग सकता है।
60 की उम्र को कर गए पार
पूर्व मुख्यमंत्री के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह चुनाव तक 68 साल के हो चुके होंगे। विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एनपी प्रजापति 65 साल, पीसी शर्मा 69 साल, हुकुम सिंह कराड़ा 66 साल, विजय लक्ष्मी साधो, सुरेश राजे, गोपाल सिंह, हर्ष यादव, आलोक चतुर्वेदी, अजय टंडन, शिवदयाल बागरी, लखन घनघोरिया, अर्जुन काकोडिया, शशांक भार्गव ये विधायक 60 की उम्र को पार कर चुके हैं।
सभी बड़े नेता कर चुके 70 पार
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ की उम्र चुनाव तक 77 साल की हो चुकी होगी। वहीं नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह की उम्र 73 साल होगी। इसी तरह केपी सिंह कक्काजू 70 साल, आरिफ अकील 71 साल, कांतिलाल भूरिया 73 साल,सज्जन सिंह वर्मा 71 साल के हो चुके होंगे।