मध्य प्रदेशराज्य
इलेक्शन कमीशन की रडार पर अधिकारी/कर्मचारी, EC के पास पहुंचीं 550 से ज्यादा शिकायतें

भोपाल
प्रदेश में 28 विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए 20 दिन में चुनाव आयोग के पास 450 शिकायतें आई हैं। इन शिकायतों की जांच को लेकर चुनाव आयोग सख्त है और किसी तरह की लापरवाही पर सीधे कलेक्टरों पर गाज गिरने के संकेत दिए हैं। आयोग की जांच के घेरे में आधा दर्जन आईएएस और आईपीएस शामिल हैं जो फील्ड में पदस्थ हैं। आज कल में सुमावली विधानसभा सीट के तीन टीआई के तबादले गृह विभाग को जारी करने के निर्देश दिए जा सकते हैं। कुछ मामलों में आयोग ने सरकार के फैसलों पर आपत्ति लेकर उसमें बदलाव भी कराया है। पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के मैदानी अफसरों के अलावा महिला और बाल विकास, पुलिस, राजस्व और विद्युत कम्पनियों में पदस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध ज्यादा शिकायतें हुई हैं जिनकी जांच रिपोर्ट जिला निर्वाचन अधिकारियों के माध्यम से मंगाकर एक्शन लिए जा रहे हैं। इसके साथ ही प्रत्याशियों द्वारा रुपए बांटने, धमकाने के मामले भी आयोग तक पहुंचे
आयोग ने जीएडी द्वारा 8 अक्टूबर को किए गए 12 संयुक्त कलेक्टरों और डिप्टी कलेक्टरों को तबादले पर आपत्ति की थी। आयोग ने इन अधिकारियों के तबादले निरस्त करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद जीएडी को चुनाव वाले जिलों में पदस्थ एक संयुक्त कलेक्टर और एक डिप्टी कलेक्टर को जीएडी पूल में पदस्थापना करने के बाद बाकी दस अधिकारियों की नवीन पदस्थापना निरस्त करनी पड़ी है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय पहुंचने वाली शिकायतों में सर्वाधिक अफसरों और कर्मचारियों से संबंधित हैं। इन पर प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार करने और धन की व्यवस्था करने के आरोप हैं। सुमावली विधानसभा सीट में पदस्थ तीन टीआई के खिलाफ आयोग में शिकायत हुई है। ये गुर्जर हैं और इनके मंत्री एदल सिंह कंसाना से करीबी रिश्ते बताए गए हैं। आयोग ने इसकी जांच कराई है और माना जा रहा है कि एक दो दिन में आयोग इन्हें वहां से हटाने के लिए सरकार को निर्देश जारी कर सकता है। इसके पहले ग्वालियर जिले में पदस्थ एसडीओपी और टीआई के तबादले हो चुके हैं। दतिया कलेक्टर और एसपी को हटाया जा चुका है। यह जानकारी भी सामने आई है कि शिकायत के दायरे में आए छतरपुर कलेक्टर और एसपी को क्लीनचिट मिल सकती है।